गुजरात में हुए 2002 के दंगों को लेकर राजनीति अपने चरम है। आगामी आम चुनावों के पहले उठे दंगों से जुड़ी राजनीति के शोर से सियासत गरम हो रही है।
कृषि राज्यमंत्री तारिक अनवर ने शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल के नरेंद्र मोदी पर दिए बयान पर सफाई दी की नरेंद्र मोदी पर लगे दंगों के दाग नहीं धुल सकते।
तारिक अनवर का कहना है कि लोगों के मन में गुजरात दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी की जो छाप छूटी है उसे आसानी से मिटाया नहीं जा सकता। ना ही नरेंद्र मोदी की छवि साफ नहीं है। लिहाजा एनसीपी का बीजेपी के साथ तालमेल का सवाल नहीं उठता है, हालांकि एनसीपी को एनडीए से ऑफर जरूर मिला था। दरअसल एनसीपी और बीजेपी की विचारधार अलग-अलग है। बीजेपी की विचारधार सांप्रदायिक है, इसके अलावा शरद पवार को नरेंद्र मोदी से कोई लगाव नहीं है।चूंकि 1984 के सिख दंगों और 2002 के गुजरात दंगों में फर्क है। गुजरात दंगों में सरकार शामिल थी, जबकि 1984 के सिख दंगों को रोकने की कोशिश हुई थी। ऐसे में गुजरात दंगों के दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए और दंगा पीड़ितों को इंसाफ मिलना चाहिए।